Saturday 11 July 2015

YE KASI HAI PAHELI...!!!!



 
ये  कैसी  है  पहेली  ज़िन्दगी की 
कभि ख़ुशी है कभि ग़म है 
किसिके  के पास शोहरत  है तो कोई बहुत बेबस है
किसी की ज़िन्दगी रंगो से रंगा है तो किसीके की ज़िन्दगी बहुत बेरंग सा है।
ये कैसी है पहेली।।।।

जिधर देखता हूँ मै उधर कोई नया चेहरा दिखता है। 
हर कोई अपनी खशी के लिए तर बदर भटकता फिरता है।
हर वक़्त  एक नया सा मेला ज़िन्दगी में लगता है। 
ये कैसी है पहेली।।।।।।

कोइ सब कुछ खो के भी बहुत  ख़ुश है।
कोई सबकुछ पाकर भी नाख़ुश है। 
ज़िन्दगी ही एक पहेली है।
और इसी  का नाम ज़िन्दगी है.। ।

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